Kinaram Baba ki Kahani part 7 | "Mughal Badshah Aurangzeb Ko Phatkar"

 Mughal Badshah Aurangzeb Ko Phatkar

baba kinaram ki kahani


क्षिप्रा नदी पर बादशाह औरंगजेब को फटकार:- अघोराचार्य महाराजश्री के दरबार में राजा हो या रंक, सभी पहुँचते थे और बाबा कीनाराम जी हर किसी को आशीर्वाद देने के साथ-साथ मानव बनने की ओर अग्रसर होने के लिए भी कहा करते थे। इसी कड़ी में एक बार क्षिप्रा नदी के तट पर महाराज श्री रह रहे थे । वहीं पास में बादशाह औरंगजेब अपनी सेना के साथ डेरा डाले हुए था । उसे पता चला कि बाबा कीना राम जी भी यहीं पास में ही निवास कर रहे हैं । औरंगजेब बाबा कीनाराम जी के दर्शन के लिए, नदी किनारे, उनके पास पहुंचा । महाराज श्री कीना राम जी ने औरंगजेब द्वारा किये जा रहे अत्याचारी कार्यों को बंद करने के लिए पहले उसे समझाया और अन्त में उसे फ़टकारा  कि तुम्हारे अमानुषिक के लिए इतिहास तुम्हें माफ़ नहीं करेगा और तुम्हारी ही सन्तान तुम्हे प्रताड़ित करेगी और तुम्हे पश्चाताप करना पड़ेगा । इतिहास गवाह है कि आगे चलकर ऐसा ही हुआ ।

Baba kinaram mandir ramgarh

Baba Kinaram Ke Dwara Garido ki Madad

 मुगलों के दमन से त्राण: – बाबा कीनाराम जी के समय मुग़ल शासकों का विस्तार हो रहा था हिन्दू आबादी को ज़बरदस्ती मुसलमान बनाया जा रहा था । इसी कड़ी में महाराज श्री …. कोहलीन नगर में पहुंचे। इस नगर को मुसलमानों की मदद से पिण्डारियों द्वारा लूटा जा रहा था,  ध्वस्त करने के बाद जलाया  जा रहा था  …… लोग बेघर हो गए थे …भाग रहे थे … बूढ़े, औरतें, अस्वस्थ तथा बच्चे भूखों मर रहे थे । महाराज श्री बाबा कीनाराम जी ने इन ज़रुरतमंदों की सेवा कर इन लोगों के लिए भोजन की व्यवस्था की तथा साथ ही साथ इनके लिए घर भी निर्मित कराए और इनमें विश्वास जगाया । अत्याचार के मारे भाग गये लोग वापस आए। महाराजश्री ने मांग-मांग कर इन लोगों के लिए भोजन, वस्त्र तथा कृषि साधन को मुहैया करायाऔर अन्त में आर्शीवाद दिया ……. “स्वस्थ रहो, जब विपत्ति हो याद करना मैं उपस्थित होता रहूंगा” ।


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