क्यो होती है विश्राम राम बाबा कि किनाराम बाबा से पहले पूजा
एक बार की बात है, बाबा कीनाराम बीजाराम और विश्राम राम रामगढ़ में आए हुए थे। तो किनाराम बाबा ने
विश्राम राम बाबा से गांजा बनाने के लिए कहा। विश्राम राम बाबा गांजा बनाने लगे। और बीजाराम बाबा ने गोइठा पर आग सुलगा दी। किनाराम बाबा उस वक्त
बाहर गए और लगभाग 10
साल के बाद वापस आए तो देखा का बीजाराम आग के पास बैठे
है। और आग जल रही रही है।
और क्या देखते है की विश्राम
राम बाबा गाँजा बना रहे है और उनके पूरे
शरीर मे देवका लग चुका है। उन्हे ये देख कर बड़ा आश्चर्य हुआ और उन्होने बिशराम राम
बाबा को कहा कि अब पहले आप कि पुजा होगी उसके बाद मेरी पुजा होगी। तब से लेकर आज तक
सभी लोग जब आते है तो पहले बेश्राम राम बाबा कि पुजा होती है उसके बाद किनाराम बाबा
कि पुजा होती है। बाबा विश्राम का मंदिर कूवे के बगल मे है।
विश्राम राम बाबा कि जिंदा समाधी और समाधि के अंदर से लोगो को आशीर्वाद देना
विश्राम राम बाबा ने जिंदा समाधि ले ली
थी उसके बाद जो भी पुजा करता था तो उसे विश्राम राम बाबा समाधि के अंडर से आशीर्वाद देते थे जिससे लोग कभी कभी दर
जाया करते थे कुछ दिनो बाद जब ये बाद किनाराम बाबा को पता चली तो उन्होने एसा करने
से माना कर दिया। तब विश्राम राम बाबा ने समाधि के अंडर से
आशीर्वाद देना बंद कर दिया।
अखंड धुई की कहानी
अंदर जहां पर बीजाराम आज जला
कर बैठे थे। किनारम बाबा ने उन्हे आशीर्वाद दिया कि जो भी इस भस्म को लगाएगा उसे हर
प्रकार कि समश्या का समधाम मिलेगा। आज भी बीजाराम जी कि अखंड धुई जल रही है।
गंगा राम बाबा और झेगुर राम बाबा का स्थान
बाबा किनाराम के गाते मे प्रवेश
करते ही तो देव का समाधि बाहर है एक का नाम गंगा राम बाबा है और दुसरे का नाम झेगुर
राम बाबा है। ये दोनों लोग अपने दिव्य शक्ति के साथ गाते पर विराजमान है। जो भी ब्यक्ति
अच्छे मन से अंडर जाता है है गंगा राम बाबा का आशीर्वाद मिलता है और जो भी व्यक्ति
गलत मन से अंडर जाता है उसे झेगुर राम बाबा उसे झुगुर कि तरह समाप्त करना चालू करते
है। इसलिए गाते पर लिखा है
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